संघर्ष क्यों जरूरी है?
एक शख्स बगीचे में बैठा था। अचानक पेड़ से नीचे एक कोकून आ गिटा। नन्ही तितली उससे बाहर आने की कोशिश कर रही थी। व्यक्ति घंटों बैठा उसे देखता रहा। उससे कहा नहीं गया। उसने तितली की मदद का फैसला कर लिया। पास रखी छोटी कैंची से उसने कोकून के एक हिस्से को काट दिया, ताकि तितली आसानी से बाहट आ सके। तितली तो बाहर आ गई, लेकिन अविकसित। बिना एक पंखे के। उसका पिछला हिस्सा भी कुछ फूल गया था। अब वह कभी उड़ नहीं सकती थी। दरअसल, उस शख्स ने यह नहीं सोचा कि संघर्ष भी जीवन की एक प्रक्रिया है। उसने तितली के संघर्ष को ही समाप्त कर दिया। और ऐसा करके उसने, तितली का जीवन हमेशा के लिए बर्बाद कर दिया। संघर्ष हमारी ताकत को बढ़ाता है। हमारे बच्चे भी तितली की ही तरह हैं। उनके जीवन में आए संघर्षों को आप सिर्फ देखें, लेकिन उन संघर्ष को समाप्त ना करें, वरना यह आपके बच्चों के संघर्ष की क्षमता को ही खत्म कर देगा।
सीख- संघर्ष भी जीवन का एक हिस्सा है। वही हमें संपूर्णता देता है।
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